बुधवार, 29 नवंबर 2023

काल्विन और उसकी शिक्षा


फ्रांस में सुधार आंदोलन (रेफॉर्मेशन) को जॉन कैल्विन के नेतृत्व में व्यापक गति मिली। 1509 में फ्रांस के नोयोन में जन्मे कैल्विन ने पहले पेरिस विश्वविद्यालय में धर्मशास्त्र की पढ़ाई की। बाद में, अपने पिता के निर्देश पर, उन्होंने ऑरलियन्स विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई की। मार्टिन लूथर से गहराई से प्रभावित, कैल्विन ने कैथोलिक चर्च में फैले भ्रष्टाचार की कठोर आलोचना की। उनकी महान रचना क्रिस्टीना रिलिजनिस इंस्टीटूटियो (ईसाई धर्म के सिद्धांत) प्रोटेस्टेंट धर्मशास्त्र की आधारशिला बन गई।

द इंस्टिट्यूट्स: एक धर्मशास्त्रीय उत्कृष्ट कृति

1536 में लैटिन में प्रकाशित द इंस्टिट्यूट्स कैल्विन की प्रोटेस्टेंट धर्मशास्त्र की व्यवस्थित व्याख्या थी। इसकी पहली संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली कृति जल्द ही बिक गई। 1539 में कैल्विन ने इसे विस्तृत रूप में प्रकाशित किया और 1541 में इसका फ्रेंच अनुवाद किया, जो फ्रेंच गद्य की सबसे महत्वपूर्ण रचनाओं में से एक है। अपने जीवनकाल में कैल्विन ने इस ग्रंथ को बार-बार संशोधित किया, और इसका अंतिम संस्करण 1,118 पृष्ठों तक विस्तारित हुआ।

यह ग्रंथ फ्रांस के राजा फ्रांसिस प्रथम को संबोधित एक भावुक प्रस्तावना से शुरू होता है, जिसमें प्रोटेस्टेंट धर्मशास्त्र का बचाव किया गया है। कैल्विन ने प्रोटेस्टेंट आंदोलन को कट्टर अना-बैपटिस्ट आंदोलन से अलग किया और फ्रांसीसी सुधारकों को देशभक्त के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने राजा से उनकी आस्था को विद्रोह के बजाय ईसाई भक्ति के रूप में मान्यता देने की अपील की:

"हालांकि मैं अपने देश के प्रति वह स्नेह रखता हूँ जो हर व्यक्ति को रखना चाहिए, फिर भी वर्तमान परिस्थितियों में अपने निर्वासन का मुझे कोई पछतावा नहीं है। मैं सभी धर्मपरायणों और इस प्रकार मसीह का पक्ष रखता हूँ।"

इस प्रस्तावना ने कैल्विन की गहराई और न्याय तथा सहिष्णुता के प्रति उनकी अपील को उजागर किया।

कैल्विन की शिक्षाएँ

बाइबिल में अटूट विश्वास

कैल्विन ने बाइबिल को मानव जीवन के लिए एकमात्र मार्गदर्शक माना। उन्होंने अनुष्ठानों और पादरियों की मध्यस्थता की आवश्यकता को खारिज कर दिया। उनका विश्वास था कि ईश्वर के साथ एक सीधा और व्यक्तिगत संबंध बाइबिल के शिक्षण पर आधारित होना चाहिए। कैल्विन के अनुसार, पवित्र शास्त्र की दिव्य प्रामाणिकता किसी भी मानव रचना से कहीं अधिक थी:

"डेमोस्थनीज या सिसेरो को पढ़ें... लेकिन यदि आप इसके बाद पवित्र शास्त्र को पढ़ें, तो आप उसमें कुछ ऐसा दिव्य पाएंगे, जो मानव क्षमता से कहीं अधिक है।"

कैल्विन ने बाइबिल को न केवल आध्यात्मिक मार्गदर्शन का स्रोत माना, बल्कि इतिहास, राजनीति, और नैतिकता को समझने के लिए भी आधार बताया।

ईश्वर की इच्छा की सर्वोच्चता

कैल्विन के धर्मशास्त्र के केंद्र में ईश्वर की इच्छा की पूर्ण सर्वोच्चता थी। उन्होंने कहा कि सभी घटनाएँ ईश्वर की इच्छा के अनुसार होती हैं और उद्धार (salvation) कर्मों या केवल विश्वास से प्राप्त नहीं किया जा सकता। यह केवल ईश्वर की कृपा का परिणाम है।

कैल्विन ने लिखा कि ईश्वर का न्याय और दया मानव समझ से परे हैं:

"यह अनुचित है कि मनुष्य उन बातों को समझने की कोशिश करे, जिन्हें ईश्वर ने अपनी इच्छा में छिपा रखा है।"

पूर्वनिर्धारण का सिद्धांत (Predestination)

कैल्विन की सबसे विवादास्पद शिक्षाओं में से एक उनका पूर्वनिर्धारण का सिद्धांत था। उन्होंने तर्क दिया कि सृष्टि से पहले ही ईश्वर ने प्रत्येक व्यक्ति के उद्धार या विनाश को निर्धारित कर दिया था:

"यह एक भयावह निर्णय है, लेकिन कोई इनकार नहीं कर सकता कि ईश्वर ने मनुष्य के अंतिम भाग्य को पहले ही जान लिया था और यह उनकी अपनी इच्छा के अनुसार था।"

हालांकि यह सिद्धांत भाग्यवाद (fatalism) का आभास देता है, इसने कैल्विनवादियों को एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा दी। इसके अलावा, यह विश्वास कि जीवन की सफलता या असफलता ईश्वर की इच्छा से निर्धारित होती है, अनुशासन और कड़ी मेहनत की संस्कृति को प्रोत्साहित करता था।

पवित्र भोज पर विचार

कैल्विन ने कैथोलिक सिद्धांत परिवर्तनवाद (Transubstantiation) को खारिज कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि पवित्र भोज (Holy Eucharist) में रोटी और दाखरस केवल मसीह के शरीर और रक्त के प्रतीकात्मक रूप हैं, न कि उनका वास्तविक रूपांतरण। उन्होंने धार्मिक प्रतीकों और मूर्तियों की पूजा को मूर्तिपूजा माना और इसे दस आज्ञाओं का उल्लंघन बताया।

राज्य और धर्म पर दृष्टिकोण

कैल्विन ने राज्य और धर्म के बीच स्पष्ट विभाजन की वकालत की। उन्होंने प्रोटेस्टेंट मामलों में राज्य के हस्तक्षेप का विरोध किया और चर्च को भी राजनीतिक मामलों से दूर रहने का सुझाव दिया। फिर भी, उन्होंने दोनों के बीच एक समन्वित संबंध की परिकल्पना की, जहाँ राज्य धार्मिक अनुशासन को लागू करे और विधर्म को रोके।

उनका विचार था कि आदर्श शासन एक धार्मिक शासन होगा, जहाँ चर्च नैतिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा:

"आदर्श सरकार एक धर्मतांत्रिक शासन होगी, और सुधारित चर्च को ईश्वर की वाणी के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए।"

चर्च में लोकतांत्रिक संरचना

कैल्विन ने चर्च की शासन-व्यवस्था में लोकतांत्रिक ढाँचा प्रस्तुत किया। निर्णय सामूहिक रूप से धार्मिक अधिकारियों और समुदाय के सदस्यों द्वारा किए जाते थे। उन्होंने प्रेसबिटर्स (बुजुर्गों) की भूमिका पर जोर दिया, जिसने प्रेसबिटेरियन धर्म (Presbyterianism) की नींव रखी। यह दृष्टिकोण धार्मिक अधिकार को विकेंद्रीकृत करता था और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाता था।

जादू और टोटेम पर विचार

कैल्विन ने अंधविश्वासों, जादू, और टोटेम में विश्वास का कड़ा विरोध किया। उन्होंने इसे भ्रष्ट और सच्चे ईसाई विश्वास के विपरीत माना। उनकी शिक्षाओं ने नैतिक और अनुशासित जीवन जीने पर जोर दिया।

सख्त अनुशासन के समर्थक

जिनेवा में कैल्विन का शासन उनके सख्त अनुशासनात्मक दृष्टिकोण का उदाहरण था। उन्होंने कंसिस्टोरी नामक एक समिति की स्थापना की, जो सार्वजनिक व्यवहार की निगरानी करती थी और नैतिक मानदंडों से विचलन पर दंड देती थी। उनके नेतृत्व में जिनेवा प्रोटेस्टेंट सुधार का एक केंद्र बन गया।

असहिष्णुता

कैल्विन के धर्मशास्त्र में उनकी असहिष्णुता स्पष्ट रूप से दिखती है। उनके कठोर दृष्टिकोण के कारण भिन्न विचारधारा वाले लोगों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़े। माइकल सर्वेटस, एक स्पेनिश चिकित्सक, को विधर्म (heresy) के आरोप में जलाने का आदेश उनकी इस कठोरता का उदाहरण है।

निष्कर्ष

जॉन कैल्विन की शिक्षाएँ प्रोटेस्टेंट धर्म और पश्चिमी विचारधारा पर अमिट छाप छोड़ गईं। उनकी पूर्वनिर्धारण की अवधारणा, नैतिक अनुशासन, और बाइबिल की प्रामाणिकता पर जोर ने प्रेसबिटेरियन जैसे आंदोलनों को आकार दिया और आधुनिक धर्मनिरपेक्ष शासन की नींव रखी। हालाँकि, उनकी असहिष्णुता और सत्तावादी नेतृत्व उनके विरासत के विवादास्पद पहलुओं में से एक हैं।

कैल्विन की द इंस्टिट्यूट्स ऑफ़ क्रिष्टियन रिलिजन धर्मशास्त्र की एक महान रचना है, जिसमें बौद्धिक गहराई और गहरी आस्था का संगम है। उनके द्वारा कल्पित अनुशासित और धर्मपरायण समाज तथा चर्च के शासन में उनके योगदान ने उन्हें सुधार आंदोलन के सबसे प्रभावशाली और स्थायी व्यक्तित्वों में से एक बना दिया।

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