संभावनाएं
जो पनप रहीं हैं
दिल की गहराइयों में
खूबसूरत तथा मासूम हैं
पुलकित करती हैं
यह जान कर की
तनहा हूँ
छेड़तीं हैं
ला देती हैं
आँखों में नीर
होठों पे मुस्कान
पर डर जातीं हैं
देख कर दुनियावी चाह
रंगीनियत, बवंडर और बेवफाई
मूल्यांकन
आतुर हो जाता है
मिटाने को इसका अस्तित्व
अन्तर्द्वन्द
उदासीनता को घोषित करता है
कायरता
पुनः
आवश्यकता और विकल्प
जो खोज रहीं हैं
रास्ता
मंजिल का
जो स्वप्निल है
मगर वास्तविक भी
जगा देतीं हैं
गतिशील बना देती है
उस पथ पर
जो कठोर तथा उबड़ खाबड़ है
परे है
आसमानी उड़ान से
जहाँ पंख भावनाओं के लगा
हम उड़ा करतें हैं
सहजता से
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