आतंकवाद
डेनियल बेल की बहस को आगे बढ़ाते हुए १९९२ में फ्रांसिस फुकुयामा ने द एंड ऑफ़ हिस्ट्री एंड द लास्ट मैन में कहा कि ''साम्यवाद के पराजय के साथ ही द्व्न्द के अभाव में समग्र मानवता के लिए इतिहास अब एकसार हो गया है और उदारवादी लोकतंत्र के साथ ही सामाजिक विकासक्रम अपने चरम पर पहुँच गया है , अतः इतिहास का अंत हो गया है। ''
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